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दक्षिण मुखी मकान शुभ कैसे होते हैं? जानिए वास्तु शास्त्र का रहस्य

Vastu Consultant In Bhopal

 

दक्षिण मुखी मकान शुभ और उत्तर-पूर्व मुखी अशुभ क्यों?

बहुत से लोग घर की दिशा को लेकर भ्रमित रहते हैं — खासकर जब बात आती है दक्षिण मुखी (South Facing House) और उत्तर-पूर्व मुखी (North-East Facing House) मकानों की। अक्सर यह सुना जाता है कि उत्तर-पूर्व दिशा शुभ है और दक्षिण दिशा अशुभ। पर क्या यह वास्तु शास्त्र की सच्चाई है?

आइए जानें वास्तु के वास्तविक सिद्धांत, ऊर्जा प्रवाह और मानसिकता के पीछे का विज्ञान।


दिशा का महत्व: वास्तु शास्त्र का मूल सिद्धांत

वास्तु शास्त्र केवल दिशाओं पर आधारित नहीं है, बल्कि यह एक ऊर्जा विज्ञान है जो पंचतत्वों (पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, आकाश) और सूर्य की गति के साथ काम करता है।

  • उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) – जल तत्व से संबंधित, मानसिक शांति और ज्ञान का क्षेत्र

  • दक्षिण (यम दिशा) – अग्नि तत्व और कर्म का क्षेत्र, स्थायित्व और शक्ति का प्रतिनिधित्व

✅ इसलिए, सही प्लानिंग और वास्तु अनुपालन के साथ दक्षिण मुखी मकान भी अत्यंत शुभ हो सकते हैं।


❌ उत्तर-पूर्व दिशा क्यों हो सकती है अशुभ?

उत्तर-पूर्व को बिना सोचे-समझे शुभ मान लेना एक आम भूल है। यदि इस दिशा में निम्न स्थितियाँ हों तो यह अशुभ फल दे सकती है:

  • भारी निर्माण (जैसे स्टोररूम, सीढ़ियाँ या टॉयलेट)

  • गंदगी, अंधेरा या बाधित प्रकाश

  • जल स्रोत की अनुपस्थिति या दूषित जल

उत्तर-पूर्व दिशा मानसिक संतुलन और आध्यात्मिक ऊर्जा की केंद्र होती है। यदि यह बाधित हो जाए तो मानसिक तनाव, निर्णय क्षमता की कमी और रोग संभव हैं।


✅ दक्षिण मुखी मकान कब होते हैं शुभ?

भले ही दक्षिण दिशा को आमतौर पर यम की दिशा कहा गया है, पर वास्तु शास्त्र में इसे स्थायित्व, शक्ति, प्रसिद्धि और करियर की दिशा माना गया है।

✔️ शुभ तब होता है जब:

  • मुख्य द्वार वास्तु मानकों के अनुसार दक्षिण-पूर्व (आग्नेय) या दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य) के बीच में हो

  • प्लॉट का ढलान उत्तर या पूर्व की ओर हो

  • उत्तर और पूर्व दिशा खुली हो व साफ-सुथरी बनी हो

  • ईशान कोण हल्का और स्वच्छ हो

दक्षिण मुखी मकान में रहने वाले व्यक्ति में नेतृत्व, आत्मविश्वास और निर्णय क्षमता बढ़ती है — बशर्ते घर ठीक से वास्तु अनुसार बना हो।


South Facing House – Myths vs. Facts

मिथक (Myth)वास्तविकता (Fact)
दक्षिण दिशा अशुभ होती हैगलत — यह स्थायित्व और शक्ति देती है
उत्तर-पूर्व हमेशा शुभ होता हैआंशिक सत्य — यदि यह साफ, हल्का और जलयुक्त हो तभी
दक्षिण मुखी मकान में दुर्घटनाएँ होती हैंतभी, जब वास्तु दोष हो या अग्नि तत्व असंतुलित हो

निष्कर्ष

वास्तु शास्त्र में कोई दिशा पूर्णतः शुभ या अशुभ नहीं होती। हर दिशा की अपनी ऊर्जा होती है — सही संतुलन और प्लानिंग से आप किसी भी दिशा को सकारात्मक बना सकते हैं।

यदि आपका मकान दक्षिण मुखी है, तो घबराने की ज़रूरत नहीं — उसे वास्तु के नियमों के अनुसार सही करवाकर आप उसमें सुख, समृद्धि और स्थायित्व पा सकते हैं।


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