मिथुन राशि के जो जातक अपना पहला कारोबार करना चाहते हैं अथवा पहली जॉब के लिए भी अप्लाई करने की योजना है वह यह कार्य 15 मई के बाद करें। 6 जून से 22 जून तक बुध की गुरु के साथ युति बनेगी और यह आपको धन लाभ देने वाली होगी। 2025 बहुत विशेष है। इस एक साल में गुरु, राहु, केतु और शनि ये चारों ही ग्रह गोचर करेंगे। ये चारों एक साथ गोचर नहीं करते। शनि 3 साल बाद राशि बदलते हैं। शनि 29 मार्च को राशि बदलेंगे और मीन राशि में आ जाएंगे। जबकि गुरु का गोचर 15 मई को होगा। गुरु मिथुन राशि में गोचर करेंगे इसके अलावा 29 मई को राहु और केतु का गोचर होगा। राहु कुंभ राशि में आ जाएंगे और जो केतु हैं वह सिंह राशि में गोचर करेंगे। शनि मीन राशि में आ जाएंगे तो यह आपकी कुंडली में दसवें भाव में गोचर करेंगे। शनि का दसवें भाव का गोचर शुभ नहीं होता हालांकि मिथुन राशि के लिए शनि भाग्य स्थान के स्वामी होकर अपनी अंतर्दशा और महादशा में अच्छा रिजल्ट करते हैं। राहु इस समय आपकी कुंडली में 10वें भाव में गोचर कर रहे हैं और 29 मई को ये नौवें भाव में आ जाएंगे। राहु गोचर में नौवें भाव में अच्छे नहीं होते लेकिन केतु का तीसरे भाव का गोचर निश्चित तौर पर आपको शुभ परिणाम देगा। गुरु के 15 मई में मिथुन राशि में और राहु के 29 मई को कुंभ राशि में आने के बाद जो गोचर शुरू होगा उससे मिथुन राशि के जातकों की राशि एक्टिव हो जाएगी। इसके साथ ही पांचवा, सातवां और नौवां भाव भी एक्टिव हो जाएगा।
जिनकी आयु 25 से लेकर 60 साल के बीच है मिथुन राशि के जातकों का जन्म मंगल के मृषा नक्षत्र जो होता है उसके आखिरी दो चरणों में होता है। राहु का जो आर्द्र नक्षत्र होता है। उसके चारों चरण इस राशि में आते हैं और गुरु का जो पुनर्वसु नक्षत्र है उसके पहले तीन चरण इस राशि में आते हैं। मिथुन राशि के जितने भी जातक मंगल के मृषा नक्षत्र में पैदा हुए हैं। जो जातक अपनी प्रोफेशनल लाइफ की शुरुआत में है। उनके ऊपर इस समय गुरु की महादशा चल रही है। राहु के आर्द्रा नक्षत्र में पैदा हुए जातकों पर शनि की महादशा चल रही है। जो जातक गुरु के पुनर्वसु नक्षत्र में पैदा हुए हैं। वह बुध अथवा केतु की महादशा से गुजर रहे हैं। इसका मतलब है कि मिथुन राशि के जो अधिकतर जातक हैं और प्रोफेशनल लाइफ में है, उनके ऊपर या तो गुरु की माताशा चल रही है या शनि की माताशा चल रही है और या शुरू हो चुकी है। गुरु चूंकि गोचर में राशि के ऊपर से गोचर करेंगे तो यह 12वें भाव के गोचर के मुकाबले अच्छा हो जाएगा। हालांकि शनि का गोचर 10वें भाव में प्रोफेशनल लाइफ को थोड़ा सा स्ट्रगल देगा। उन डेट्स पर जब आपको पैसे का लाभ होगा। सबसे पहले साल की शुरुआत की कुंडली से तो शनि ने आपके भाग्य स्थान को मजबूत किया हुआ है। जबकि गुरु आपकी राशि के 12वें भाव में गोचर कर रहे हैं और 12वें भाव का गुरु का गोचर अच्छा नहीं होता।
15 मई के बाद कुंडली का सातवां भाव शनि और गुरु दोनों एक्टिव कर देंगे। यह पार्टनरशिप का भाव है और यदि आप कोई कार्य पार्टनरशिप में करना चाहते हैं तो 15 मई के बाद का समय आपके लिए अच्छा है। लेकिन यदि आप जॉब कर रहे हैं और आपको प्रमोशन का इंतजार है तो आपको 29 मार्च तक का इंतजार करना चाहिए। केतु तीसरे भाव में आकर 11वें भाव को एक्टिव करेंगे तो यह स्थिति आपके लिए अच्छी रहेगी।
मिथुन राशि के जो जातक अपना पहला कारोबार करना चाहते हैं अथवा पहली जॉब के लिए भी अप्लाई करने की योजना है। वह यह कार्य 15 मई के बाद करें क्योंकि 15 मई से गुरु मिथुन राशि को एक्टिव करेंगे। साल की शुरुआत में आपकी राशि पर मंगल का गोचर दूसरे स्थान से हो रहा है। मंगल आय स्थान के स्वामी हैं और धन स्थान में बैठे हैं। यह पैसे के लिहाज से अच्छा योग है। मंगल यहां 21 जनवरी तक रहेंगे और 21 जनवरी को राशि के ऊपर से गोचर करेंगे। मंगल का आय स्थान के स्वामी होकर राशि के ऊपर से गोचर करना भी धन के लिहाज से अच्छा है। इसके बाद मंगल फिर से धन भाव में आ जाएंगे और 2 जून तक यहीं पर रहेंगे। इस इसका मतलब है कि पहले पांच महीने आय स्थान का स्वामी है। मंगल आपकी कुंडली में वो अच्छे योग बना रहा है और निश्चित तौर पर आपको इसका धन लाभ जरूर होगा। जबकि 15 मई को आय और धन भाव का कारक ग्रह जो गुरुआपकी राशि के ऊपर से गोचर करेगा।
पैसे के फ्लो के लिहाज से पूरा साल यही रहेगा। 6 जून से लेकर 28 जून तक मंगल शनि का षडाष्टक योग बनेगा और 28 जुलाई से 13 सितंबर तक मंगल शनि का सम सप्तक योग आपके लिए धन के लिहाज से थोड़ा अच्छा नहीं है। इस अवधि में 6 जून से 22 जून तक बुध की गुरु के साथ युति बनेगी और यह आपको धन लाभ देने वाली होगी। 20 अगस्त से 30 अगस्त के मध्य आपकी राशि का स्वामी बुध शुक्र के साथ युति करेगा और यह युति धन के लिहाज से अच्छी है। गुरु का साल के आखिरी सात महीने राशि के ऊपर से गोचर करना और भाग्य स्थान को एक्टिव करना निश्चित तौर पर पूरा साल नए प्रोजेक्ट करने के मौका देगा।
1 जनवरी 2025 से 31 मार्च 2025: वर्ष 2025 में निजी संबंधों को मधुर बनाने और बेहतरीन जीवन की तरफ अग्रसर होने के आसार रहेंगे। फलतः संबंधों में एक-दूसरे के प्रति चाहत एवं सद्भाव विकसित होता रहेगा। इस दौरान किसी धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थानों का दौरा उनके साथ करने के योग रहेंगे। परिजनों के मध्य बेहतरीन संवादों का दौर रहेगा। हालांकि, मार्च के महीने में सितारों की चाल के कारण संबंधों में तनाव और मनमुटाव का दौर आ सकता है। अतः निजी एवं प्रेम संबंधों में एक-दूसरे से छोटी-छोटी बातों में न उलझें, तो वर्ष के इन महीनों में आप हंसी-खुशी के साथ संबंधों में प्रसन्न रहेंगे।
1 अप्रैल 2025 से 30 जून 2025: वर्ष 2025 में घर परिवार में शुभ तथा सकारात्मक वातावरण रहेगा। हालांकि, इसे पुष्ट और मजबूत बनाने के लिए आपको अपने स्तर पर जागरूक एवं तत्पर रहने की जरूरत रहेगी। यानी कार्य एवं व्यवसाय के दबाव में आकर घर परिवार के किसी बुजुर्ग व्यक्ति के प्रति, या फिर यदि स्वभावगत उग्रता है, तो उसके कारण आवेशित न हों; अन्यथा संबंधों में दूरियां बढ़ सकती हैं। निजी संबंधों में हालांकि एक-दूसरे की पसंद एवं भावनाओं का भी सम्मान करना पड़ेगा, अन्यथा आप परेशान हो सकते हैं। वर्ष के जून महीने में सितारों की चाल संबंधों में झगड़ों को जन्म दे सकती है। अतः उग्रता से बचें।
1 जुलाई 2025 से 30 सितम्बर 2025: वर्ष 2025 में जीवन को सुखद तथा शानदार बनाने के पहलुओं में चर्चाओं का दौर रहेगा, जिससे आपका तन एवं मन प्रसन्न रहेगा। लिहाजा, अपने स्तर पर प्रयासों को कमजोर न करें, चाहे वह प्रेम एवं संबंध हो या फिर घर परिवार की जिम्मेदारियों को लेकर भाई-बहनों के मध्य चल रहे मतभेदों को समाप्त करने की पहल हो। सितारों की चाल वर्ष के इन महीनों में बेहतरीन परिणामों की तरफ बढ़ाने वाली रहेगी। लिहाजा, आपको भी कुछ कदम आगे बढ़ने की जरूरत रहेगी। फलतः सितंबर का महीना आपके लिए सुखद एवं शानदार परिणामों को देने वाला रहेगा, जिससे प्रेम संबंधों में खुशी बनी रहेगी। घर परिवार में परस्पर चाहत का दौर रहेगा।
1 अक्टूबर 2025 से 31 दिसम्बर 2025: वर्ष 2025 में घर एवं परिवार में एक-दूसरे के प्रति चाहत, प्रेम एवं सद्भाव विकसित होगा। जीवन में रिश्तों के महत्व को अहमियत दी जाएगी, जिससे तन एवं मन प्रसन्न रहेगा। पुत्र तथा पुत्री को पढ़ाने तथा उज्जवल भविष्य की तरफ बढ़ाने में अग्रसर रहेंगे। हालांकि, राशि स्वामी का गोचर मंगल के साथ होने के कारण कई बार वैवाहिक जीवन को लेकर भागदौड़ करनी पड़ सकती है, या फिर उनके मध्य लड़ाई तथा झगड़े छिड़ सकते हैं, जिससे घर का माहौल थोड़ी गर्म हो सकता है। किंतु राशि स्वामी का गोचर आपको ननिहाल की तरफ आकर्षित करता रहेगा, जिससे उनके मध्य चर्चाओं का दौर रहेगा।
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