कर्क राशि के जातकों के लिए कुंड़ली देखना बहुत जरूरी है। पहले चार महीने गुरु आपकी कुंडली में 11वें भाव से ही राशि परिवर्तन करेंगे। गुरु का गोचर इस समय वृषभ राशि में हो रहा है। इसलिए 11वें भाव में गुरु नजर आ रहे हैं, तो इसका आपको डेफिनेटली पहले चार महीने बहुत अच्छा परिणाम मिलेगा। 15 मई को लगभग यह गोचर होगा और गुरु आपके 12वें भाव में आएंगे। कर्क राशि के जातकों के लिए पहले चार महीने में शादी और संतान के योग बने हुए हैं क्योंकि गुरु की दृष्टि जब यहां से जाती है, तो गुरु पंचम दृष्टि से तीसरे भाव को देखते हैं। सप्तम दृष्टि सीधी संतान वाले भाव पर जाती है और 9वीं दृष्टि आपके 7वें भाव के ऊपर चली जाती है। जब गुरु के यह तीनों भाव एक्टिव हैं तो आपको गुरु की ब्लेसिंग जरूर मिलेगी। गुरु ब्लेसिंग्स के कारक और शनि समय के कारक होते हैं।
शनि यह तय करते हैं कि आपकी लाइफ में आगे क्या होगा और गुरु यह तय करते हैं कि आपको ब्लेसिंग मिलेगी या नहीं। गुरु जिन तीन भावों में देख रहे हैं, वहां ब्लेसिंग जरूर आ रही है। 15 मई के दौरान कर्क राशि के जिन जातकों को संतान नहीं हो रही थी, उन्हें हो सकती है। पराक्रर्म का भाव एक्टिव रहेगा। जो भी काम करेंगे वो बुद्धि विवेक के साथ करेंगे। जिन लोगों की शादी नहीं हो रही हैं, उनकी भी शादी हो सकती है क्योंकि सप्तम भाव को गुरु देख रहे हैं। संतान पक्ष से अच्छी खबर सुनने को मिल सकती है। पहले पांच महीने का समय वो गुरु के प्रभाव से अच्छा रहेगा।
कर्क राशि के जातकों के लिए शनि अष्टम में गोचर करेंगे। शनि आपका अष्टम होते हैं और अष्टम का शनि अच्छा नही होता क्योंकि अष्ट भाव आपके आयु का स्थान होता है। यहां से सडन लोस देखा जाता है। आपके ऊपर शनि की ढैया चल रही है लेकिन यह साल ऐसा आने जा रहा है, जो आपको इस ढैया से मुक्ति दे देगा क्योंकि 29 मार्च को शनि यहां से निकलकर आपके भाग्य स्थान से गोचर करना शुरू करेंगे। हालांकि 9वों भाव में शनि का गोचर अच्छा नहीं माना जाता। शनि तीसरे, छठे और 11वें भाव में अच्छा गोचर करते हैं लेकिन ढैया से आपको जरूर मुक्ति मिल जाएगी। कर्क राशि ही एक ऐसी राशि है जिसके लिए शनि मारक होते हैं। यह चंद्रमा की राशि है। शनि और चंद्रमा आपस में मित्रता का भाव नहीं रखते। शनि की मकर राशि आपकी कुंडली में सप्तम भाव में आ जाती है, जो मारक स्थान है। अष्टम भाव में आ जाती है कुंभ राशि जो आपकी आयु का स्थान है और यह एक्सीडेंट का भी भाव होता है इसलिए शनि कर्क राशि के जातकों के लिए अच्छा फल नहीं करते हैं। ढैया से मुक्ति मिलेगी। पहले चार महीने गुरु आपको प्रोटेक्शन में रखेंगे हालांकि 15 मई को गुरु आपकी कुंडली में 12 वें भाव में चलें जाएंगे। यह स्थिति आपके लिए पैसों के लिहाज से अच्छी नहीं रहेगी। अगले सात महीने आपको आर्थिक स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन कोर्ट-कचहरी के मामाले में आपको राहत मिलेगी क्योंकि गुरु यहां पर 12वें भाव में बैठेंगे।
गुरु के 12वें भाव में आने से छठा भाव एक्टिव हो जाएगा। छठे भाव को रोग, ऋण और शत्रु का भाव कहते हैं। यहां पर पहले चार महीने गुरु पांचवें, तीसरे और सातवें को एक्टिव रखेंगे। इसके बाद चौथे, आठवें और छठें को भी एक्टिव कर देंगे। शरीर से जुड़ी समस्या है, तो वहां गुरु जरूर आपकी मदद करेंगे। गुरु भले ही आपके लिए गोचर में अच्छे न हो और 12वें भाव में गुरु का गोचर अच्छा नहीं होता लेकिन गुरु की दृष्टि हमेशा अच्छी होती है। चौथा भाव आपका सुख का भाव होता है। खुद की बनाई गई प्रॉपर्टी इसी भाव से आती है। चौथा भाव गुरु के प्रभाव में रहेगा। 15 मई के बाद एक ऐसेट का योग बनेगा। इस दौरान कोई न कोई प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं।
29 मार्च से शनि आपके 9वें भाव में आ जाएंगे और 11वें, छठे और तीसरे भाव को देखेंगे। यानी कि छठा भाव डबल एक्टिवेशन में आ जाएगा। एक अशुभ ग्रह गुरु की दृष्टि और एक शनि की दृष्टि में रहेगी। छठे भाव से संबंधित फल आपको अच्छे मिलेंगे लेकिन इस दौरान एक चीज का ध्यान रखने की आवश्यकता है । किसी की भी गारंटी न लें, नहीं तो खुद फस सकते हैं क्योंकि गुरु के प्रभाव के साथ-साथ शनि का भी प्रभाव आएगा। मार्च या मई के बाद भाई के साथ तालमेल के मामले में थोड़ी दिक्कत आ सकती है। यहां पर भी शनि की दृष्टि है। भाई की हेल्थ में भी समस्या हो सकती है। यह ध्यान आपको जरूर रखना पड़ेगा।
राहु का गोचर आपकी कुंडली में अष्टम भाव में हो रहा है और केतु दूसरे भाव में आ जाएंगे। शनि निकलेंगे तो अष्टम भाव में राहु आ जाएंगे। यहीं आपके लिए अच्छी स्थिति नहीं रहेगी। केतु दूसरे भाव में आएंगे। यह धन की हानि करवा सकते हैं। जब राहु यहां पर आएंगे, तो आपका चौथा भाव राहु के द्वारा भी एक्टिव होगा। छठा और चौथा भाव आपकी कुंडली में साल भर एक्टिव रहेंगे। चौथे भाव के ऊपर राहु और गुरु दोनों की दृष्टि आ जाएगी और छठे भाव के ऊपर शनि और गुरु की दृष्टि आ जाएगी। यह दो भाव आपके लिए एक्टिव रहेंगे। एसेट डेफिनेटली बनने जा रहे हैं। धन की हानि हो सकती है। आपके कुटुंब में समस्या हो सकती है। इस अवधि के दौरान अपनी डाइट का खास ध्यान रखने की आवश्यकता है। 29 मई के बाद जैसे ही केतु आपके दूसरे भाव में आएंगे, वो आपकी डाइट को सबसे पहले डिस्टर्ब करेंगे। यह डाइट हैबिट्स का भाव होता है। छठा भाव शनि के प्रभाव में हैं। बाद में ऐसा हो सकता है कि आपको अपनी खाने-पीने की आदत की वजह से पेट से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़े। इन चीजों का खासतौर पर ध्यान रखने की जरूरत है।
यह चारों ग्रहों में से गुरु का प्रभाव बहुत अच्छा रहेगा। शनि पहले से थोड़ा बेटर हो जाएंगे। यहां पर शनि का गोचर आपके लिए ठीक-ठाक हो जाएगा। गुरु का गोचर पहले चार महीने अच्छा रहेगा। उसके बाद थोड़ा सा डिस्टर्ब कर सकते हैं। राहु और केतु का गोचर आपके लिए बहुत ज्यादा अच्छा नहीं रहेगा। जिन लोगों की उम्र 30 से 50 साल के ऊपर है उनके ऊपर वीनस की महादशा चल रही है। वीनस आपकी कुंडली में अच्छे भाव के स्वामी हैं।
1 जनवरी 2025 से 31 मार्च 2025: 2025 में आपके कार्य एवं व्यवहार में सौम्यता के कारण मधुर एवं सुखद संवादों का दौर रहेगा। जिससे घर परिवार एवं नाते-रिश्तेदारी के प्रति आप न केवल सहानुभूति से युक्त रहेंगे, बल्कि उन्हें हर संभव मदद देने में संलग्न रहेंगे। लिहाजा अपने स्तर पर सूझबूझ को कमजोर न करें। निजी संबंधों में आपको कई बार तनाव तथा मनमुटाव की स्थिति के आसार रहेंगे। हालांकि यह स्थिति ज्यादा समय तक नहीं टिकेगी, जिससे उनके साथ पुनः आपके संबंध मधुर एवं सुखद रहेंगे। लिहाजा सूझबूझ को कमजोर न करें, क्योंकि मंगल एवं शनि का प्रभाव प्रेम एवं संबंधों में कठिनाइयाँ उत्पन्न कर सकता है। ऐसे में आपको जहाँ अनावश्यक क्रोध से बचना पड़ेगा, वहीं किसी ऐसे मामलों में दखल न दें जो उपयुक्त न हो।
1 अप्रैल 2025 से 30 जून 2025: 2025 में निजी जीवन से जुड़े ऐसे मामले जो आपके मन, मस्तिष्क और दिल को छू लेने वाले हों, और जिनके प्रति आपका सम्मान है तथा उन्हें लेकर चाहत है, ऐसे संदर्भों में सकारात्मक माहौल रहेगा। यदि कोई तनाव है, तो उन्हें कम करने में महत्वपूर्ण प्रगति के आसार रहेंगे। वर्ष के इन महीनों में घर परिवार से जुड़े किसी धार्मिक एवं सामाजिक काम को पूरा करने में भाई-बंधुओं के साथ संलग्न रहेंगे। लिहाजा अपने स्तर पर सूझबूझ को कमजोर न करें, अन्यथा आप परेशान हो सकते हैं। क्योंकि शुभ ग्रहों के साथ अशुभ एवं नकारात्मक ग्रहों का भी प्रभाव इंगित हो रहा है। अतः नकारात्मकता से बचने के लिए आपको अधिक ऊर्जावान होकर सकारात्मक पहलुओं की ओर बढ़ना पड़ेगा।
1 जुलाई 2025 से 30 सितम्बर 2025: 2025 में सितारों की चाल संबंधों को खास एवं अच्छा बनाने वाली रहेगी। ऐसे संबंध जो मन एवं दिल से जुड़े हैं, जिन्हें लेकर उत्साह एवं रोमांच उभरने लगता है। ऐसे संबंधों में और मधुरता एवं निकटता का अहसास बना रहेगा। उनके साथ किसी वांछित स्थान पर मनोरंजन हेतु जा सकते हैं। हालांकि घर परिवार एवं अन्य नाते-रिश्तेदारी को लेकर भी आप अपने कर्तव्यों के पालन में तत्पर रहेंगे। वैसे प्रेम एवं संबंधों के लिहाज से वर्ष के ये महीने अच्छे रहेंगे। किन्तु अपनी तरफ से जरूरी कदम उठाने में कोताही न करें, अन्यथा आप परेशान हो सकते हैं।
1 अक्टूबर 2025 से 31 दिसम्बर 2025: 2025 में घर परिवार से जुड़े कामों को पूरा करने और उन्हें सहयोग तथा प्यार एवं सम्मान देने की भावना और पुख्ता रहेगी। जिससे सामाजिक एवं पारिवारिक जीवन में आपकी छवि सुंदर एवं सुखद रहेगी। लिहाजा सूझबूझ को कमजोर न करें। यद्यपि ऐसे लोगों से बचने की आवश्यकता रहेगी जो घर एवं माता-पिता तथा नाते-रिश्तेदारी से जुड़े संदर्भों में आपको नकारात्मक विचार परोसते हैं। अतः सूझबूझ रखें। प्रेम संबंधों में वर्ष के ये महीने सुखद एवं शानदार परिणाम देने वाले रहेंगे। क्योंकि गुरु का शुभ प्रभाव आपके भाग्य को ऊंचा करने वाला तथा संबंधों में सकारात्मक दिशा में ले जाने की ऊर्जा देने वाला रहेगा। किन्तु यह आपके विवेक पर निर्भर करेगा कि आप किसी प्रकार से सकारात्मक ऊर्जा का प्रयोग करते हैं।
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